अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय कहर बरपा रहा है… भारत में गुजरात सहित 8 राज्यों में इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है. अरब सागर में उठा ये साल 2023 का पहला तूफान है जो कि लंबे समय से सागर में बने होने की वजह से बहुत खतरनाक हो गया है, मालूम हो कि ऐसा तूफान पिछले 31 सालों में देखा नहीं गया है. इस वीडियो में आगे हम यही जानेंगे कि आखिर चक्रवात होता क्या है… ये कितने प्रकार का होता है… और इसका नामकरण कैसे किया जाता है… और आखिर बिपरजॉय का मतलब क्या होता है.
क्या होता है चक्रवात?
सबसे पहले बात अगर चक्रवात की करें तो चक्रवात हवाओं का लगातार बदलता हुआ एक ऐसा चक्र है… जिसके सेंटर में लो एयर प्रेशर और बाहर हाई एयर प्रेशर होता है. चक्रवात हवा की एक बड़ी प्रणाली है… जो लो एयर प्रेशर वाले एरिया के केंद्र के चारों ओर घूमती है. चक्रवात की वजह से भारी बारिश और तेज हवाएं चलने लगती है. नेशनल डिजासटर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानि NDMA के मुताबिक, उत्तरी गोलार्ध यानि Northern Hemisphare में चक्रवात एंटी-क्लॉकवाइज घूमती है और दक्षिणी गोलार्ध में ये क्लॉकवाइज घूमती है. चक्रवात बनने की मुख्य वजह है तापमान बढ़ने से समुद्री सतह का गर्म होना. वहीं बात अगर चक्रवात के प्रकार की करें तो चक्रवात दो प्रकार के होते हैं. पहला उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) और दूसरा शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात (Extra-tropical Cyclone).
उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone)
उष्णकटिबंधीय चक्रवात वो चक्रवात होते हैं. जो कर्क और मकर रेखा वाले क्षेत्र के बीच बनते हैं. ये बेहद शक्तिशाली और विनाशकारी होते हैं. जो महासागरों की सतह से उतपन्न होकर तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं. उष्णकटिबंधीय चक्रवात तब आता है जब नम हवा के ऊपर उठने से गर्मी पैदा होती है. इस चक्रवात को हरिकेन और टाइफून भी कहा जाता है.
शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात (Extra-tropical Cyclone)
वहीं बात अगर शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात यानि एक्स्ट्रा ट्रॉपिकल साइकलोन ये उत्तरी अटलांटिक महासागर, उत्तरी प्रशांत महासागर, भूमध्य सागर और चीन सागर में बनते हैं. ये ठंडी और गर्म दोनों हवाओं के मिलने से बनते हैं. शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात केवल सर्दियों के मौसम में ही बनते हैं.
कैसे रखा जाता है चक्रवात का नाम?
ये तो हुई बात चक्रवात होता क्या है, इसके कितने प्रकार है. अब जरा ये जान लेते हैं कि आखिर चक्रवात का नाम कैसे और कौन रखता है. दरअसल मौसम संगठन की ओर से 2004 में आठ सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी. इसमें ये तय हुआ कि अल्फाबेटिकल ऑर्डर के मुताबिक बारी-बारी से तूफानों का नाम रखा जाएगा. अब इस कमेटी में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और सऊदी अरब सहित कुल 13 देश शामिल हैं.
बिपरजॉय का क्या मतलब होता है?
पहले चक्रवातों के नाम महिलाओं के नाम पर रखे जाते थे… जिस पर आपत्ति जताई गई. जिसके बाद से अब पुरूषों के नाम पर भी चक्रवातों के नाम रखे जाने लगे. वहीं बात अगर बिपरजॉय चक्रवात की करें तो ये एक ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात है. इसका नाम इस बार बांग्लादेश ने रखा है. बांग्ला भाषा में इसका मतलब होता है आपदा या विपत्ति होता है.