पिछले कुछ दशकों में देखा गया है कि अरब सागर में काफी खतरनाक तूफान बनने लगे हैं जबकि पहले ऐसा तो बिलकुल भी नहीं था. पहले बंगाल की खाड़ी को विनाशकारी तूफानों के लिए ज्यादा जिम्मेदार माना जाता था. लेकिन अब अरब सागर विनाशकारी तूफानों का केंद्र बनता जा रहा है. चलिए हम आपको अपने इस वीडियो में बताते हैं कि, आखिर क्यों अरब सागर विनाशकारी तूफानों का केंद्र बनता जा रहा है.
अरब सागर के खतरनाक चक्रवात
अरब सागर की खाड़ी में बने गहरे विक्षोभ के चलते बिपरजॉय तूफान खतरनाक हो गया है. ये कई दिनों तक कहर ढाह सकता है. अरब सागर में ये इस साल का पहला तूफान बना है. लेकिन इसका असर केरल की ओर से आने वाले मानसून पर पड़ सकता है. संभव है कि, ये तूफान मानसून को धीमा कर सकता है.
अरब सागर में क्यों बनने लगे ज्यादा तूफान ?
1982 से 2000 के बीच अरब सागर में चक्रवात तूफानों में 52 फीसदी का इजाफा हुआ है.वैज्ञानिकों के मुताबिक, अरब सागर में जो तूफान बन रहे हैं, मानसून से पहले उनके बनने की गति, समय और स्पीड सभी में 40 फीसदी इजाफा हुआ है जबकि 20 फीसदी बढ़ोतरी मानसून के बाद ऐसे तूफानों के बनने में आई है. पहले यहां उतने खतरनाक तूफान नहीं बनते थे, जितने अब बन रहे हैं
हाल के दिनों में अरब सागर में बने चक्रवात
19 सौ उनासी से लेकर 2022 तक अरब सागर में 11 चक्रवात तूफान बने हैं. इनमें से 2007 से 2022 के बीच छह चक्रवाती तूफान बने थे. वहीं, विनाशकारी चक्रवात तूफान निसर्ग भी अरब सागर में ही बना था, 2020 में बने इस चक्रवात ने भीषण तबाही मचाई थी. साथ ही 2019 में आये वायु तूफान भी अरब सागर में ही बना था.
कैसे रखा जाता है चक्रवातों का नाम ?
चक्रवात बिपरजॉय का नाम बांग्लादेश ने रखा है. हिंद महासागर में इसकी शुरुआत 2004 में हुई. हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों में बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, भारत, पाकिस्तान, थाइलैंड और श्रीलंका शामिल हैं. इसके अलावा ईरान, सऊदी अरब, कतर, यूएई और यमन को साल 2019 में शामिल किया गया.
आखिर क्या है इसकी वजह ?
भारतीय मौसम विभाग से जुड़े जलवायु वैज्ञानिक के मुताबिक तूफानों के बनने में आई तेजी का रिश्ता समुद्र के पानी के तापमान में हो रही बढोतरी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ती नमी के चलते हो रहा है. अरब सागर पहले आमतौर पर ठंडा रहता था लेकिन अब ये गरम पानी के पूल में पूरी तरह से बदल चुका है.
क्या आने वाले समय में मानसून पर डालेंगे असर ?
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में और ज्यादा तूफान बनने लगेंगे तो ये मानसूनी हवाओं पर बुरी तरह असर डालेंगे उसे तितर बितर कर देंगे. उससे भारत में हर साल आने वाले मानसून पर खराब असर पड़ेगा. इन दोनों स्थितियों में ना सिर्फ खेती पर असर पड़ेगा बल्कि बारिश से नदियों, जलाशयों में जो पानी मिलता है, उस पर भी बुरी तरह असर पड़े.